शिवपूजन के दौरान जलाभिषेक के बाद गलती से भी न करें ये काम, वरना हो जाएंगे बर्बाद

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ये बात तो हम सभी जानते हैं कि आजकल सावन का महीना चल रहा है वहीं ये बात भी सच है कि शिव भक्‍त को इस माह का बेसब्री से इंतजार रहता है क्‍योंकि वो जानते हैं कि भोलेनाथ को ये महीना बेहद ही ज्‍यादा प्रिय है। वहीं आपको बता दें कि इस हर तरफ भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। बता दें कि सावन के महीने में आने वाले विशेषकर हर सोमवार के दिन देश के सभी शिव मंदिरों में ​शिव की बड़े धूम धाम से पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव का जलभिषेक किया जाता है।

भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए शिव भक्‍त इस दौरान कई सारे उपाय करते हैं। लेकिन कई लोग इस दिन भगवान शिव का खास अभिषेक या पूजन करते है इस दौरान भक्‍त जलाभिषेक के साथ साथ भगवान को प्रसन्‍न करने के लिए और भी तरीके अपनाते हैं। पर क्‍या आपको पता है कि भक्‍त इस दौरान अनजाने में कुछ ऐसा कर देते हैं जिसकी वजह से भगवान शिव उनपर क्रोधित हो जाते हैं और भक्‍त को उनका क्रोध झेलना पड़ जाता है।

आज हम आपको इसी से संबंधित कुछ जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके लिए बेहद ही ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है हो सकता है कि आप भी अनजाने में वो गलतियां कर देते होंगे जिसकी वजह से भगवान शिव आपपर क्रोधित हो जाते होंगे। ये बात तो हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव को जलभिषेक के साथ बिल्व पत्र और धतूरे पसंद है इस वजह से भक्‍त भगवान शिव को इस माह में बेलपत्र और धतूरे का चढ़ावा चढ़ाते हैं और तो और भगवान को दूध से जलाभिषेक भी करते हैं।

इस जलाभिषेक के पीछे कई प्रकार की मान्यता बताई गई है। जी हां दरअसल बताया गया है कि सावन के महीने में शिव जी अपने ससुराल गए तो उनका स्वागत सत्कार जलाभिषेक और अर्घ्य देकर किया गया था। लेकिन आज आपको बता दें कि अगर आप इस माह भगवान को प्रसन्‍न करने का प्रयास कर रहे हैं या फिर भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो आप उनकी सबसे प्रिय चीजों को लेकर ही उनकी पूजा करें।

भगवान शिव की पूजा करने के लिए आप धतूरा,आक, बेलपत्र और भांग का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए लेकिन वहीं आपको ये भी ध्‍यान रखना चाहिए कि भगवान शिव के पूजन में आपको उन चीजों से दूर रहना चाहिए जो भगवान ​शिव को पंसद नहीं और अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

तो इसलिए सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि भगवान शिव को क्‍या नहीं पसंद है। तो सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि इस माह में गलती से भी भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए क्‍योंकि ये भगवान विष्णु और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।

वहीं पूजा पाठ में अक्‍सर हम तुलसी पत्ते का प्रयोग करते हैं क्‍योंकि हम इसे पवित्र मानते हैं लेकिन भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था। इस वजह से तुलसी का पत्ता भगवान शिव पर नहीं चढ़ाना चाहिए।

वहीं तीसरी और आखिरी चीज टूटे हुए चावल को कभी भी पूजा में शामिल नहीं करना चाहिए खासकर सावन के महीने में भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।