बड़ा बैन :344 दवाइयों पर मंत्रालय ने लगायी रोक जिसमे सेरिडॉन , विक्स एक्शन  के साथ कई नाम है शामिल

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अगर आप मेडिकल स्टोर पर सिरदर्द, जुखाम, पेट दर्द और बुखार आदि की सामान्य दवाइयां लेने जाते रहते हैं तो हो सकता है आने वाले समय में आपको वहां से खाली हाथ लौटना पड़े लेकिन  क्या आपको पता है कि रोजमर्रा में मामूली सर्दी जुकाम खांसी के लिए जो दवाएं आप खाते हैं वो आपके लिए कितनी खतरनाक है  शायद नहीं और यही कारण है कि सरकार ने 344 एफडीसी यानि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवाओं पर रोक लगा दी है।

केन्द्र सरकार ने 7 सितम्बर, 2018 को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 26ए के नियमों के अंतर्गत 328 एफडीसी के उत्पादन,बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और मंत्रालय का कहना है की ये सभी  ये अधिसूचनाएं तत्काल प्रभावी मानी जाएँगी |

आपकी जानकारी के लिए बता दे हमारी  केंद्र सरकार ने बाजार में बिकने वाली ऐसी दवाइयों पर प्रतिबन्ध लगाने का फैसला किया जो सामान्य बिमारियों में लोगों की पहली खुराक रहती हैं,बता दें कि ये ऐसी दवाएं रहती हैं जो डॉक्टर के पर्चे के बिना भी आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिल जाया करती हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा बल्कि अगर आपको ये दवाइयां  लेनी है तो इसके लिए आपको पहले डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन लेना होगा तभी मेडिकल स्टोर से आपको ये दवाइयां प्राप्त हो पाएंगी |

आपको बता दे हमारी सरकार ने फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) वाली दवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया था। फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवा, यानि दो या ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाई जाने वाली दवा होती है। इन दवाओं की पावरफुल एंटीबायोटिक के कॉम्बिनेशन की तरह बिक्री होती है। देश में एफडीसी से हजारों दवाएं तैयार होती हैं और कई एफडीसी बिना मंजूरी के बनते हैं। एफडीसी से दर्द निवारक के लिए सबसे ज्यादा दवाएं बनती हैं।

हालांकि, ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल शरीर के लिए खतरनाक होता, इसलिए सरकार ने इन दवाओं पर रोक लगाने का फैसला किया था। ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर होता है और ये लीवर के लिए भी नुकसानदायक होता है। एफडीसी से तैयार होने वाले एंटीबायोटिक के ज्यादा सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

गौरतलब है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले के बाद दवा कंपनियों के पैरों तले जमीन ही खिसक गई होगी.एक अनुमान के मुताबिक इस बैन के बाद दवा कारोबारियों को करीब 1500 करोड़ रुपए की चपत हर साल लगेगी.

इन दवाओं पर लगाया बैन :

आपको बता दे मंत्रालय ने जिन दवाइयों को बैन किया है उसमे  जो नाम शामिल है वो है क्रोसिन कोल्ड एंड फ्लू, डीकोल्ड टोटल, ओफलोक्स, डोलो कोल्ड, चेरीकोफ, विक्स एक्शन 500, डीकोफ, सूमो, कफनील, पैडियाट्रिक सिरप टी 98, टेडीकॉफ के साथ साथ  सन फार्मा, सिप्ला, वॉकहार्ट, पिरामल ,मेक्‍लॉयड्स,एल्‍केम लैबोरेट्रीज और फाइजर समेत कई बड़ें ब्रांड भी शामिल हैं|

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्रग टेक्नोलॉजी एडवाइजरी बोर्ड (डीएटीबी) ने मंत्रालय को इस तरह की सिफारिश दी थी जिस पर सरकार ने अब जा कर अधिसूचना जारी करी है.इसके बाद अब से इन प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री किसी भी मेडिकल स्टोर पर करना गैरकानूनी माना जाएगा.अगर किसी मेडिकल स्टोर पर यह दवाएं बिक्री होते हुए पाईं गई तो फिर दवा निरीक्षक अपनी तरफ से स्टोर मालिक पर एफआईआर भी दर्ज करा सकता है.

इस बारे में बोर्ड का कहना है कि ये दवाएं मरीजों के लिए काफी खतरनाक भी हो सकती हैं.हालांकी बड़े ब्रान्डस को इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए माना जा रहा है कि वो जल्द ही इसके खिलाफ कोर्ट में चुनौती दे सकती हैं.