लॉकडाउन ने रेस्टोरेंट पर लगवाया ताला, मगर नहीं हारी हिम्मत, शुरू कर डाला ‘नैनो फ़ूड’ बिजनेस

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महामारी में लॉकडाउन ने काफ़ी लोगो की कमर तोड़ी थी. ऐसी स्तिथि बन चुकी थी जैसे गरीबी में आटा गीला. इसी वज़ह से सभी को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोगों की जॉब चली गई और यहाँ तक कि काम धंधे भी बंद हो गए. ऐसे ही समस्या हुई मुंबई के शेफ पंकज के साथ, पंकज नेरुरकर मुंबई के दादर में अपना “खड़पे” नाम का एक रेस्टोरेंट चलाते थे. उनका रेस्टोरेंट मालवणी फूड के लिए बहुत फेमस था, परंतु लॉकडाउन की वज़ह से उन्हें अपना रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा था.

दिलचस्प बात यह है कि पंकज ने कहावत ‘जहाँ चाह वहाँ राह’ को सच कर दिया है, शेफ पंकज ने भी अपनी परेशानी का हल ढूँढ ही लिया. पहले तो रेस्टोरेंट बंद हो जाने की वज़ह से पंकज और उनके परिवार को बहुत दिक्कत आई. उनका घर ख़र्च भी नहीं चल पा रहा था. फिर एक दिन उन्हें एक विचार आया और उन्होंने उस विचार पर अमल करते हुए अपनी नैनो कार से ही अपना फूड बिजनेस शुरू करने का फ़ैसला किया. उन्होंने अलग-अलग फूड वैरायटी बनाई और फिर उसे नैनो कार में ले जाकर बेचने लगे. उन्होंने अपने इस कार वाले रेस्टोरेंट का नाम ‘नैनो फूड’ रखा.

20 वर्षों का है एक्सपीरिएंस

आपको बता दें कि मुंबई के पंकज को 20 साल तक शेफ के तौर पर कई बड़े होटलों में काम करने का अनुभव है. पंकज बताते हैं कि ‘मैं पेशे से एक शेफ हूँ. 20 वर्ष तक मैंने बड़ी-बड़ी होटलों में नौकरी की है, इसलिए अच्छा खाना बनाना जानता हूँ.’ इन्होंने अपनी पत्नी के साथ नैनो कार में फूड बिजनेस करने की बात की और फिर अक्टूबर माह से बिजनेस का शुभारंभ किया. वे कहते हैं, ‘मैं गिरगांव चौपाटी पर गाड़ी खड़ी करता हूँ. हर रोज़ 15 तरह के फूड आइटम रखता हूँ. हर दिन मेरा मैन्यू अलग रहता है.’

मुश्किल था शुरुआती दौर

हालांकि करीब 7 दिन तक उनका बिजनेस बिल्कुल नहीं चला. वे बताते हैं कि ‘मैं निराश हो गया था और मैन्यू लगाना भी बंद कर दिया था. रोजाना खड़ा रहता था, पर 1-2 कस्टमर भी नहीं आते थे. फिर भी मैंने काम बंद नहीं किया. धीरे-धीरे 1-2 ग्राहक आना शुरू हुए. उन्हें टेस्ट अच्छा लगा तो वह अपने साथ दूसरे कस्टमर्स को भी लाने लगे.’

घंटों तक लाइन में इंतज़ार करते हैं ग्राहक

दरअसल शेफ पंकज का खाना लोगों को इतना पसंद आता है कि वे अब घंटो तक गिरगांव में नैनो फ़ूड के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते हैं. नैनो फूड को टेस्ट करने के लिए उन्हें इंतज़ार करना भी गवारा होता है, पर वह खाना लेकर ही वहाँ से वापस जाते हैं. शेफ पंकज का कहना है कि ‘जो लोग 5 स्टार होटल में खाना नहीं खा पाते, उनको वैसा ही टेस्ट मुझे नैनो फूड में देना है. बता दे की पंकज एक दिन में 4 हज़ार रुपए कमा लेते है इस हिसाब से उनकी आमदनी महीने कि लाख रुपए तक जाती है. पंकज बहुत लोगो के लिए मिसाल बन चुके है जो मुसीबत में हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठे और मेहनत से कमियाब हुए.